अनिश्चित रूप से युग्मित प्लाज्मा ऑप्टिकल उत्सर्जन स्पेक्ट्रोस्कोपी (आईसीपी-ओईएस)
उपकरणः
•आई- सीएपीटीएम 7200 आईसीपी-ओईएस डुओ (थर्मो फिशर साइंटिफिक
विशेष विवरण :
डुअल प्लाज्मा व्यू, में एक स्वत: संचालित सैम्पलर सहित 3-चैनल वाला पेरिस्टाल्टिक पम्प , 1100 और 1350 डब्ल्यून पर अनुकूलित फ्रीरनिंग 2 7.12 मेंगा हर्ट्ज सोलिड स्टेट आरएफ प्लाज़मा जनरेटर, साइक्लोनिक स्प्रे चैम्बर, समक्षणिक ई शेलग्रेटिंग,चार्ज इंजेक्शन डिवाइस (सीआईडी) डिटेक्टर जिसकी 166-847 एनएम की तरंग दैर्ध्य रेंज (180 एनएम से अधिक संवेदनशीलता के साथ) हो, है ।
विश्लेषण के लिए नमूने प्रस्तुत करना:
•नमूनों को घोल के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए एवं अनुमान लगाये जाने वाले तत्वों और उनकी अनुमानित सांद्रता, नमूना तैयार करने की तकनीक (एसिड / सॉल्वैंट्स का उपयोग) संबंधी जानकारी भी प्रदान करनी आवश्यक है । कार्बनिक सॉल्वैंट्स को स्वीकार नहीं किया जाएगा। कार्बनिक विलेयक या तो वाष्पित या नष्ट किया जाना चाहिए।
• 45 दिन पूर्व पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है जिससे आपकी आवश्यकता के अनुसार रसायनों आदि की खरीद की जा सके।
•विस्फोटक, जहरीले नमूने और विषाक्त गैसों / धुएं को जन्म देने वाले नमूनो का विश्लेषण नहीं किया जा सकता है।
•लगभग 25मिलीलीटर घोल भेजने की सलाह दी जाती है। आम तौर पर 25मिलीलीटर घोल उनकी अवशोषण सम्बन्धी क्षमता के आधार पर लगभग 10-15 तत्वों के आकलन के लिए पर्याप्त होता है।
•चट्टानों / अयस्क नमूनों जैसे विशेष नमूनों के लिए, उपयोगकर्ता द्वारा नमूनों के साथ उचित मानकों को प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
•विस्फोटक, जहरीले नमूने और विषाक्त गैसों / धुएं को जन्म देने वाले नमूनो का आईसीपी-ओईएस विश्लेषण नहीं किया जा सकता है।
•आईसीपी-ओईएस प्रयोगशाला के लिए स्वीकार्य नमूनों की संख्या की सीमा प्रति सप्ताह 200 है।
•नमूने के घोल में एचएफ नहीं होना चाहिए। अतिरिक्त एचएफ को पूरी तरह से वाष्पित किया जाना चाहिए या बोरिक एसिड का उपयोग करके इसको निष्क्रिय किया जा सकता है।
अनुप्रयोग:
•ऑप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमेंट्री (आईसीपी-ओईएस) तरल और ठोस दोनों नमूनों में ट्रेस तत्वों के विश्लेषण और मात्रा के ठहराव के लिए एक शक्तिशाली तकनीक है।पौधो, जैविक (रक्त मूत्र आदि) और पर्यावरण (जल, मिट्टी, तलछट, आदि) में निम्न स्तर पर सिल्वर, एल्यूमिनियम, आर्सेनिक, बोरोन, बेरियम, बेरिलियम, कैल्शियम, कैडमियम, कोबाल्ट, क्रोमियम, कॉपर , आयरन, पोटाश, मैग्नीशियम, मैंगनीज, मोलिब्डेनम, सोडियम, निकेल, फास्फोरस, लैड, सल्फर, सेलेनियम, स्ट्रोंटियम, टाइटेनियम, वैनेडियम, जिंक इत्यादि का विश्लेषण।विशेष नमूनों और अन्य तत्वों जैसे चट्टानों / अयस्क नमूनों के लिए, नमूनों के साथ उपयुक्त मानकों को उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
•सभी उपकरणों के लिए पंजीकरण आवश्यक है जिससे आपको प्राथमिकता संख्या प्रदान की जा सके और हमारे द्वारा आपके नमूने की पहचान की जा सके। भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं, शिमला कार्यालय पंजीकरण डेस्क के रूप में कार्य करता है।आप संबंधित प्रयोगशाला या उनके प्रभारी से उपकरण पर कार्य करने एवं नमूना विश्लेषण हेतु समय ले सकते हैं।विश्वविद्यालय / कॉलेज: आप व्यक्तिगत रूप से आकर अथवा अकादमिक रियायत के लिए अर्ह होने हेतु अपने कॉलेज / संस्थान के मूल लेटरहेड पर विधिवत हस्ताक्षरित और सीलबन्द पत्र जिसमें यह उल्लेख किया गया हो कि विश्लेषण अनुसंधान उद्देश्य के लिए है, मूल नमूने पंजीकरण हेतु भेज सकते हैं । पत्र को निदेशक भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं शिमला को संबोधित किया जाना चाहिए।
•राष्ट्रीय प्रयोगशाला: आप व्यक्तिगत रूप से आकर अथवा अपने संस्थान के मूल लेटरहेड वाले विधिवत हस्ताक्षरित और सीलबन्द पत्र जिसमें यह उल्लेख किया गया हो कि विश्लेषण अनुसंधान उद्देश्य के लिए है, मूल नमूने पंजीकरण हेतु भेज सकते हैं । पत्र को निदेशक भाकृअनुप-के.आ. अनु.सं, शिमला को संबोधित किया जाना चाहिए।
•आवरण- पत्र आपकी कंपनी के मूल लेटरहेड पर विधिवत हस्ताक्षरित और सीलबंद और निम्नलिखित वचन-पत्र सहित होना चाहिए: “किसी भी स्थिति में, इस रिपोर्ट / बिल की विषयवस्तु केवल हमारी जानकारी के लिए है और इस बिल की विषयवस्तु का उपयोग हमारे द्वारा किसी भी प्रकार के विज्ञापन, साक्ष्य या मुकदमेंबाजी में नहीं किया जाएगा। ”यदि आपके पत्र में उपरोक्त घोषणा पत्र नहीं प्राप्त होता है तो विश्लेषण के लिए आपका पत्र और नमूने को संज्ञान में नहीं लिया जाएगा।पत्र, निदेशक भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं., शिमला को संबोधित किया जाएगा । आपके पत्र में उल्लेख करना होगा कि “ यदि आपके द्वारा प्रकाशन और थीसिस में इसमें प्राप्त परिणाम शामिल / उपयोग किए जाते हैं, उस स्थिति में आप ”भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं के योग्दान को स्वीकार करते हैं। ”अनुसंधान कार्यों के सभी प्रकाशनों में भा.कृ.अनु.प. के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिसमें भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं. की विश्लेषणात्मक सेवाओं का उपयोग किया गया है, वहां भाकृअनुप एवं के.आ.अनु.सं. के योगदान को अभिस्वीकृत किया जाएगा। प्रकाशन संदर्भ (जर्नल नाम /वॉल्यूम् संख्या / लेखकों के नाम / प्रकाशन के मुद्दे की तारीख आदि) हमें प्रेषित करने की कृपा करें।
अग्रिम भुगतान भाकृअनुप-इकाई के.आ.अनु.सं, शिमला को देय डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) द्वारा किया जाना चाहिए:डीडी, नमूना और आवरण पत्र "निदेशक, भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं., शिमला को प्रेषित किया जाना चहिए।
•नमूना विश्लेषण पूरा होने के बाद परिणाम भेजे जाते हैं। अतिरिक्त भुगतान कर स्पीड-पोस्ट के माध्यम से भी परिणाम प्राप्त किए जा सकते है।
•आप संबंधित प्रयोगशाला या उनके प्रभारी से उपकरण पर कार्य करने एवं नमूना विश्लेषण हेतु समय ले सकते है ।
• सभी उपयोगकर्ताओं को जमा किए गए प्रत्येक नमूने के लिए , एमएसडीएस (सामग्री सुरक्षा डाटा शीट) और एक प्रमाणपत्र जिसमें यह घोषणा की गई हो कि प्रस्तुत नमूना विषैले / खतरनाक नहीं हैं और इस नमूने के लिये कोई विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है, जमा करना होगा ।
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