•अनुमान लगाए जाने वाले तत्वों की अनुमानित सांद्रता, नमूना तैयार करने की तकनीक (एसिड / सॉल्वैंट का उपयोग) जानकारी सहित नमूने को द्रव्य रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। जैविक द्रावक को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जैविक द्रावक का वाष्पीकरण या उसे नष्ट किया जाना आवश्यक है।
•आवश्यकता के अनुसार रसायनों आदि की खरीद के लिए 45 दिनों पूर्व पंजीकरण कराया जाना आवश्यक है।
•विस्फोटक, जहरीले नमूने और विषाक्त गैसों / धुएं को जन्म देने वाले नमूने विश्लेषण के लिए प्रयोग नही किए जा सकते हैं।
•लगभग 25 मिलीलीटर द्रव्य पदार्थ भेजने की सलाह दी जाती है। आम तौर पर 25 मिलीलीटर घोल उनकी सांद्रता के आधार पर लगभग 10-15 तत्वों के आकलन के लिए पर्याप्त होता है।
•विस्फोटक, जहरीले नमूने और विषाक्त गैसों / धुएं को जन्म देने वाले नमूनो आइसीपी-एईएस विश्लेषण के लिए नहीं लिए जा सकते हैं।
•आईसीपी-एईएस प्रयोगशाला के लिए स्वीकार्य नमूनों की संख्या अधिकतम 200 प्रति सप्ताह है।
• नमूने हेतु द्रव्य पदार्थ में एचएफ नहीं होना चाहिए। अतिरिक्त एचएफ का पूरी तरह से वाष्पीकरण किया जाना चाहिए या बोरिक एसिड का उपयोग कर उसे प्रभावहीन किया सकता है।
अनुप्रयोग:
•परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी एक विश्लेषणात्मक तकनीक है जो तत्वों की सांद्रता को मापती है। यह तकनीक प्रकाश के तरंग दैर्ध्य का उपयोग करती है जो विशेष रूप से एक तत्व द्वारा अवशोषित होती है। पौधे, भोजन, पशु चारा, कृषि, जैविक और पर्यावरण नमूनों में प्रस्तुत बोरोन, कैल्शियम, कॉपर, कोबाल्ट, आयरन ,पोटाश, मैग्नीशियम, मैंगनीज, मॉलिब्डेनम, सोडियम और ज़िंक का विश्लेषण किया जाता है।
•सभी उपकरणों के लिए पंजीकरण आवश्यक है जिससे आपको प्राथमिकता संख्या प्रदान की जा सके और हमारे द्वारा आपके नमूने की पहचान की जा सके। भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं, शिमला कार्यालय पंजीकरण डेस्क के रूप में कार्य करता है।आप संबंधित प्रयोगशाला या उनके प्रभारी से उपकरण पर कार्य करने एवं नमूना विश्लेषण हेतु समय ले सकते है।विश्वविद्यालय / कॉलेज: आप व्यक्तिगत रूप से आकर अथवा अकादमिक रियायत के लिए अर्ह होने हेतु अपने कॉलेज / संस्थान के मूल लेटरहेड पर विधिवत हस्ताक्षरित और सीलबन्द पत्र जिसमें यह उल्लेख किया गया हो कि विश्लेषण अनुसंधान उद्देश्य के लिए है , मूल नमूने पंजीकरण हेतु भेज सकते हैं । पत्र को निदेशक भाकृअनुप-के.आ. अनु.सं, शिमला को संबोधित किया जाना चाहिए।
•राष्ट्रीय प्रयोगशाला: आप व्यक्तिगत रूप से आकर अथवा अपने संस्थान के मूल लेटरहेड वाले विधिवत हस्ताक्षरित और सीलबन्द पत्र जिसमें यह उल्लेख किया गया हो कि विश्लेषण अनुसंधान उद्देश्य के लिए है ; अपने मूल नमूने पंजीकरण हेतु भेज सकते हैं । पत्र को निदेशक भाकृअनुप-के.आ. अनु.संशिमला को संबोधित किया जाना चाहिए।
• आवरण- पत्र आपकी कंपनी के मूल लेटरहेड पर विधिवत हस्ताक्षरित और सीलबंद और निम्नलिखित वचन-पत्र सहित होना चाहिए: “हर स्थिति में, इस रिपोर्ट / बिल की विषयवस्तु केवल हमारी जानकारी के लिए है और इस बिल की विषयवस्तु का उपयोग हमारे द्वारा किसी भी प्रकार के विज्ञापन, साक्ष्य या मुकदमेंबाजी में नहीं किया जाएगा। ”यदि आपके पत्र में उपरोक्त घोषणा पत्र नहीं प्राप्त होता है तो विश्लेषण के लिए आपका पत्र और नमूने को संज्ञान में नहीं लिया जाएगा।पत्र, निदेशक भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं., शिमला को संबोधित किया जाएगा । आपके पत्र में उल्लेख करना होगा कि “ यदि आपके द्वारा प्रकाशन और थीसिस में इसमें प्राप्त परिणाम शामिल / उपयोग किए जाते हैं, उस स्थिति में आप ”भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं के योग्दान को स्वीकार करते हैं। ”अनुसंधान कार्यों के सभी प्रकाशनों में भा.कृ.अनु.प. के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिसमें भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं. की विश्लेषणात्मक सेवाओं का उपयोग किया गया है, वहां भाकृअनुप एवं के.आ.अनु.सं. के योगदान को अभिस्वीकृत किया जाएगा।कृपया प्रकाशन संदर्भ (जर्नल नाम /वॉल्यूम् संख्या / लेखकों के नाम / प्रकाशन के मुद्दे की तारीख आदि) हमें प्रेषित करने की कृपा करें।
अग्रिम भुगतान भाकृअनुप-इकाई के.आ.अनु.सं, शिमला को देय डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) द्वारा किया जाना चाहिए:डीडी, नमूना और आवरण पत्र "निदेशक, भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं., शिमला को प्रेषित किया जाना चहिए।
• नमूना विश्लेषण पूरा होने के बाद परिणाम भेजे जाते हैं। अतिरिक्त भुगतान कर स्पीड-पोस्ट के माध्यम से भी परिणाम प्राप्त किए जा सकते है।
• आप संबंधित प्रयोगशाला या उनके प्रभारी से उपकरण पर कार्य करने एवं नमूना विश्लेषण हेतु समय ले सकते है ।
•सभी उपयोगकर्ताओं को जमा किए गए प्रत्येक नमूने के लिए , एमएसडीएस (सामग्री सुरक्षा डाटा शीट) और एक प्रमाणपत्र जिसमें यह घोषणा की गई हो कि प्रस्तुत नमूना विषैले / खतरनाक नहीं हैं और इस नमूने के लिये कोई विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है, जमा करना होगा ।