आलू पर एआईसीआरपी: उद्गम
परियोजना कोड: 1010730001
स्वीकृति क्र.:एफ.17-2/69-ए.एस.II/एफ.सी.III दिनांक 29/07/1970
परियोजना प्रारंभ दिनांक: 1970-71
परियोजना के पूरा होने की तिथि: निरंतर चल रहा है
वर्ष 1970 से कार्यशील, अखिल भारतीय समन्वित आलू सुधार परियोजना का मुख्यालय भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं, शिमला में है । आलू संबंधी एआईसीआरपी के देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में 25 केंद्र है।इनमें से पाँच भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं. के क्षेत्रीय केन्द्रो पर, 17 विभिन्न राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) में, भाकृअनुप-के.आ.अनु.के. कुफरी एवं भाकृअनुप-के.आ.अनु.सं, मोदीपुरम में बीज तैयार करने वाली इकाइयाँ और उत्तरांचल के रानीचौरी में एक स्वैच्छिक केंद्र स्थित है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
आलू प्रमुख खाद्य फसलों में से एक है और वर्तमान में मक्का, गेहूं और चावल के बाद विश्व उत्पादन में चौथे स्थान पर है। विभिन्न जैविक और अजैविक तनाव के कारण भारत में आलू की उत्पादकता काफी कम है (18.75 टन / हैक्टेयर)। भारत की उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में आलू की उत्पादकता में सुधार की अत्यधिक गुंजाइश है। इसलिए, आलू संबंधी एआईसीआरपी की आवश्यकता महसूस की गई जिससे नए संकरों, कृषि विज्ञान पद्धतियो, आलू आधारित फसल प्रणालियों के मूल्यांकन, विभिन्न रोगों और कीटों के नियंत्रण के उपायों, आलू भंडारण प्रथाओं और फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के तरीकों की पहचान कर क्षेत्र विशेष परीक्षण किया जा सके। । इन संभावनाओं के मद्देनजर वर्ष 1970-71 में चौथी पंचवर्षीय योजना के दौरान आलू पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की शुरुआत की गई थी।
वर्तमान में, एआईसीआरपी (आलू) के देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में 25 केंद्र (7 भाकृअनुप- के.आ.अनु. सं. आधारित केंद्र, 17 एसएयू आधारित केंद्र और 1 स्वैच्छिक केंद्र) स्थित है।