तरल क्रोमैटोग्राफी- मास स्पेक्ट्रोमीटर (एलसी-एमएस) प्रणाली
उपकरण विवरण
•निर्माण : मेंसर्स वाटर्स
•मॉडल : एच-क्लास यूपीएलसी के साथ एसक्यूडी 2
विशेष विवरण :
• एकल क्वाड्रुपोल मास स्पेक्ट्रोमीटर
• इस प्रणाली में ईएसआई और एपीसीआई के साथ-साथ आयनीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक माध्यम हैं
• मास रेंज: 20 से 2000 एम
/ ज़ेड
पीडीए डिटेक्टर:
• एक्वाइटी यूपीएलसी पीडीएई डिटेक्टर
• तरंग दैर्ध्य सीमा: 200 एनएम से 600 एनएम
विलेयक वितरण प्रणाली
• ऑनलाइन डिगैसिंग इकाई के साथ उच्च दबाव बाइनरी ग्रेडिएंट पंप
• संचालन की विधि: आइसोक्रेटिक एवं ग्रेडिएंट
• प्रवाह दर रेंज: 50 μl / मिनट से 500 μl / मिनट
तापमान नियंत्रण के साथ इंजेक्टर और ऑटोसैम्पलर
• तापमान सीमा: 8 ° C से 40 ° C तक
•इंजेक्शन मात्रा रेंज: 0.5 μlसे 10 μl
कार्य सिद्धांत: तरल क्रोमैटोग्राफी- मास स्पेक्ट्रोस्कोपी (एलसी- एमएस) एक ऐसी तकनीक है जो उच्च प्रदर्शन तरल क्रोमैटोग्राफी (एचपीएलसी), एक शक्तिशाली विश्लेषणात्मक पृथक्करण तकनीक, को मास स्पेक्ट्रोस्कोपी (एमएस), एक शक्तिशाली विश्लेषण और खोज तकनीक, से जोड़ता है। इलेक्ट्रोस्प्रे आयानीज़ेशन एक आयनीकरण तकनीक है जो आधुनिक रूप से एमएस में सबसे अधिक उपयोग की जाती है और अधिकांश क्रोमैटोग्राफिक पृथक्करण के साथ संगत है। एचपीएलसी पृथक्करण का पता “फोटो डायोड एरे (पीडीए)” डिटेक्टर और मास स्पेक्ट्रोमीटर द्वारा विभिन्न डिटेक्टरों के रूप में लगाया जा सकता है। पीडीए के पास पूरे यूवी-विज़ रेंज में तीन आयामी प्रक्षेपण हैं। यह गैर-विनाशकारी डिटेक्टर है इसलिए इसे एचपीएल सी-पीडीए मास स्पेक्ट्रोमीटर जैसी श्रृंखला में रखा जा सकता है.
एप्लीकेशन :
- गुणात्मक विश्लेषण
- मात्रात्मक विश्लेषण
- अशुद्धि जाँच रूपरेखा
- मेंटाबोलाइट अध्ययन
- फार्माकोकाइनेटिक्स
- फार्मा और जैव चिकित्सा एप्लीकेशन
शुल्क :
क्र.स. |
गतिविधि |
शुल्क (रु में ) |
टिप्पणी |
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उद्योग / निजी विश्वविद्यालय / संस्थान |
सरकारी विश्वविद्यालय / संस्थान / राष्ट्रीय प्रयोगशाला / आर एंड डी |
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1. |
केवल ईएसआई के साथ एमएस |
4000 |
2000 |
प्रति नमूना |
2. |
पहली पीक के लिए ईएसआई के साथ एलसीएमएस |
8000 |
4000 |
प्रति नमूना |
3. |
पीडीए डिटेक्टर के साथ एचपीएलसी |
6000 |
3000 |
प्रति नमूना |
4. |
एचपीएलसी + पीडीए डिटेक्टर + मास स्पेक्ट्रोमीटर |
12000 |
6000 |
प्रति नमूना |
उपयोगकर्ता हेतु निर्देश:
·परिवर्तनशील चरण के लिए विलेयक का उल्लेख किया जाना चाहिए या अस्थिर विलेयक में यौगिक की घुलनशीलता दी जानी चाहिए।
·प्रस्तुत नमूनों के परिचालन की स्थिति को उल्लेखित करती एलसी, नमूने के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए।
·यौगिक के स्रोत का उल्लेख किया जाना चाहिए|
·एमएस-डीएस (सामग्री सुरक्षा डाटा शीट) को नमूने के साथ दिया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई विषाक्त नमूना नहीं दिया जा रहा है।
•नमूने विषाक्त या खतरनाक नहीं होने चाहिए। एमएस-डीएस के बिना नमूने स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
संपर्क करें:
• निदेशक, भाकृअनुप-के.आ.अनु.संं, शिमला (हि.प्र) - 171001
• फोन: 0177-2625073
• मोबाइल: + 91-9418657678
• ईमेल आईडी: director.cpri@icar.gov.in